आज हम आपके लिये Teachers Day essay ( शिक्षक दिवस निबंध ) ले कर आये हैं जो आपको बहुत पसंद आयेंगे| जिसके माध्यम से आप स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या किसी मंच पर Teachers Day essay ( शिक्षक दिवस निबंध ) पढ़ सकते हैं।
इसके अलावा छात्र Teachers Day essay ( शिक्षक दिवस निबंध ) लिखने की प्रेक्टिस भी कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं Teachers Day essay ( शिक्षक दिवस निबंध )कैसे लिखें और पढ़ें..
अगर आप भी अपने चाहने वालों को Teachers Day essay ( शिक्षक दिवस निबंध ) भेजना चाहतें हैं तो तो निचे दिए गए Best 2 Teachers Day essay In Hindi 2022 में से इसका चुनाव कर सकते हैं|
Teachers Day essay

Teachers Day essay In Hindi
1 Short Teachers Day Essay ( शिक्षक दिवस निबंध 250 शब्द )
ज्ञान, जानकारी और समृद्धि के वास्तविक धारक शिक्षक ही होते है जिसका इस्तेमाल कर वह हमारे जीवन के लिये हमें विकसित और तैयार करते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सब को दरकिनार कर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी का अच्छे से निर्वाह करते हैं।
कोई भी उनके बेसकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।
5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रुप में घोषित किया गया है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था इसलिये अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण उनके जन्मदिन पर पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उनका शिक्षा में बहुत भरोसा था साथ ही वह अध्येता, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रुप में भी प्रसिद्ध थे।
इस दिन स्कूलों में पढ़ाई बंद रहती है। स्कूलों में उत्सव, धन्यवाद और स्मरण की गतिविधियां होती हैं। बच्चे व शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। स्कूल-कॉलेज सहित अलग-अलग संस्थाओं में शिक्षक दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र विभिन्न तरह से अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं, तो वहीं शिक्षक गुरु-शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं।
Best Teachers Day Speech In Hindi 2022-शिक्षक दिवस पर भाषण
निबंध 2
2 Long Teachers Day Essay ( शिक्षक दिवस निबंध 1000 शब्द )
प्रस्तावना :
गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं।
भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को क्यो मानाया जाता है?
5 सितंबर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की जयंती है, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन स्वतंत्र भारत के पहले उप-राष्ट्रपति थे, उन्होंने सन् 1952 ले लेकर 1962 तक उप-राष्ट्रपति के रुप में देश की सेवा की इसके अलावा 1962 से 1967 तक उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति के रुप में भी कार्य किया।
डॉ राधाकृष्णनन शिक्षको का काफी सम्मान करते थे। राजनीती में आने से पहले उन्होंने खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय, मैसूर विश्वविद्यालय और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे कई सारे संस्थानो में पढ़ाया था। उन्हे उनके काम के लिए काफी सराहा जाता था और उन्हे उनके छात्रों द्वारा भी काफी पसंद किया जाता था।
उनका मानना था कि शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो युवाओ को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है। यही कारण था कि उन्होंने प्रोफेसर का यह दायित्व इतने लगन से निभाया और अपने छात्रों को सदैव अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया।
जब वह हमारे देश के राष्ट्रपति बने तब उनके छात्रों नें हर वर्ष उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। इसके जवाब में डॉ राधाकृष्णनन ने कहा कि उन्हे इस बात की अधिक प्रसन्नता होगी यदि उनके छात्र 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाये, तब से लेकर आज तक उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।
विद्यालयों में शिक्षक दिवस का उत्सव :
पूरे भारत भर के स्कूलो में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विद्यार्थियों द्वारा अपने पसंदीदा शिक्षको की वेषभूषा धारण करके अपने से निचले कक्षाओं में जाया जाता हैं। इस दिन उन्हे अलग-अलग कक्षाएं दी जाती है जहा वह जाकर पढ़ा सकते है। यह छोटे तथा बड़े सभी तरह के विद्यार्थियों के लिए काफी मजेदार दिन होता है।
वह पढ़ाने के साथ ही कई सारी दूसरी गतिविधियों में हिस्सा लेते है। इस दौरान सीनियर छात्र इस बात का ध्यान रखते है कि विद्यालय का अनुशासन बना रहे और इसके लिए जूनियर छात्र उनका सहयोग करते हैं।
कई सारे विद्यालयों में जूनियर छात्रों द्वारा भी शिक्षको का वेष धारण करके उनकी भूमिका निभायी जाती है। इस दौरान बेस्ट ड्रेस और रोल प्ले जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, इसके अलावा अन्य कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं (नृत्य, नाटको का मंचन, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता और भाषण) का आयोजन किया जाता है।
सामान्यतः इन कार्यक्रमों का आयोजन दिन के दूसरे पहर में किया जाता है, वही पहले पहर यानी लंच के पहले तक सीनियर छात्रों द्वारा कक्षाए ली जाती है और शिक्षक कक्षाओ में आराम करते है तथा इन सभी गतिविधियों का आनंद लेते है।
इस विशेष दिन छात्र-छात्राएं अपने शिक्षको के लिए ग्रीटिंग कार्ड, फूल और तमाम तरह के कई उपहार लाते है, अपने विद्यार्थीयो से इस तरह के तमाम उपहार पाकर शिक्षक भी काफी प्रसन्नता महसूस करते है।
वर्तमान शिक्षा :
आज तमाम शिक्षक अपने ज्ञान की बोली लगाने लगे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखें तो गुरु-शिष्य की परंपरा कहीं न कहीं कलंकित हो रही है। आए दिन शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें सुनने को मिलती हैं।
इसे देखकर हमारी संस्कृति की इस अमूल्य गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रश्नचिह्न नजर आने लगता है। विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों का ही दायित्व है कि वे इस महान परंपरा को बेहतर ढंग से समझें और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें।
शिक्षा के लिये इतने उपाय, इतनी चीजें विकसित हो गयीं हैं कि लोग पूछ सकते हैं, ये टीचर क्या चीज है?
- गुरु महज हाड़ मांस वाला मनुष्य जिसे हम देवतातुल्य समझते हैं वही नहीं है, ज्ञानदेव को आप कई दूसरे रूपों में भी देख सकते हैं और वह कोई वस्तु या चीज भी हो सकती है। फिर इस चरम भौतिक संसार में वस्तुओं की क्या कमी। सो टीचर या शिक्षक भी चीज बन गये या कहें चीज भी आज शिक्षक है। टेबलेट, स्मार्टफोन, वेब साइट, ऑनलाइन ट्यूटोरियल, वर्चुएल टीचर, एज्यूकेशनल एप, तमाम तरह के साॅफ्टवेयर और कंप्यूटर प्रोग्राम जैसी चीजें इतनी अधिक विकसित हो चुकी हैं कि वे सहायक उपकरण नहीं बल्कि एक शिक्षक की भूमिका निभाने लगी हैं।
- एक चीज है इंटरनेट, महागुरू गूगल जिस पर मिलते हैं। इससे यकायक न सिर्फ ढेरों पाठ्य सामग्री छात्रों की पहुंच में आ गई है बल्कि पढ़ाने वाले भी। छात्र उत्कृष्ट शैक्षणिक सामग्री, ई.बुक्स, शोध पत्र आदि को इंटरनेट से डाउनलोड कर सकते हैं। विख्यात अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, पुस्तकालयों और शोध संस्थानों ढेर सारी सामग्री सार्वजनिक वितरण के लिए मुहैय्या कराई हुई है।
- प्रैक्टिकल के लिए इंटरनेट पर मौजूद वर्चुअल प्रयोगशालाओं और परीक्षाओं की तैयारी के लिए वेबसाइटों पर मोक टेस्ट की सुविधा हैं। टीचर की क्या जरूरत जब घर बैठे ही ‘ई.एजुकेशन’ या मूक माध्यम से पढ़ाई कर सकते हैं। एज्यूकेशन प्लेनेट और नेट ट्रेकर छात्रों के लिए विकसित किए गए वे सर्च इंजन संबंधित विषय पर उपलब्ध शोध-पत्रों, लेखों, पाठों, वर्कशीट आदि का ब्यौरा भी देते हैं।
- टीचर्स पे से आप हाई क्वालिटी के रीडिंग मेटेरियल और नोट्स ले सकते हैं। रोबो टीचर जापान सरीखे देशों में पढ़ाने लगे हैं। कुल मिलाकर शिक्षा के लिये इतने उपाय, इतनी चीजें विकसित हो गयीं हैं कि लोग पूछ सकते हैं, ये टीचर क्या चीज है।
निष्कर्ष :
भारत में शिक्षक दिवस शिक्षको के सम्मान में मनाया जाता है, क्योंकि वह पूरे वर्ष मेहनत करते है और चाहते है कि उनके छात्र विद्यालय और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करें। इस दिन पूरे देश भर विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों और शिक्षको के रीश्तों को मजबूत बनाते है। वाकई में यह छात्रों और शिक्षको दोनो के लिए ही एक विशेष दिन होता है।
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अगर आपके पास अच्छे नए विचार हैं तो जरुर कमेन्ट के माध्यम से भजे अच्छे लगने पर हम उस Best 2 Teachers Day essay 2022 (Short & Long) In Hindi इस लेख में शामिल करेगे।